हम
श्रीमती सुनीता व घनश्याम चौधरी बताते है कि हमारा बेटा हेमन्त जो अभी ११) वर्ष का
है। इसके जन्म से ही हिमोफिलिया बीमारी थी। हिमोफिलियां (जिसमें चोट लगने पर खून
का थक्का नहीं जमता व खून लगातार बहता रहता है उस बीमारी को चिकित्सा विज्ञान में
हिमोफिलिया कहते हैं।) हेमन्त जब १) वर्ष का था उस समय वह सिर के बल गिरा तो उसके
सिर में खून जमा होकर बडी गांठ बन गयी जिसको ऑपरेशन से निकाला गया व खून ज्यादा बह
गया तो हेमन्त को दो बोतल खून चढाना पडा। उसके दो माह बाद हेमन्त फिर गिर गया तो
दाँत से उसकी जीभ कट गई तो लगातार ७ दिन तक खून बहना बंद नहीं हुआ। फिर जोधपुर उम्मेद
अस्पताल में भर्ती कराया व इसके बाद २३.५.२००२ को हेमन्त फिर गिर गया तो उसके
दाँतों के नीचे ठोढी पर चोट लगी तो वहाँ पर खून जमा होकर बडी गांठ बन गयी। ऐसा
बार-बार होने पर जोधपुर के रक्क्त रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज लाखोटिया ने हेमन्त के
ब्लड फेक्टर ८ और ९ की जांच करवाई जो कि दि. २४.८.२००१ को रेनबेक्सी लेब मुंबई से
जांच होकर आई जिससे पता चला कि हेमन्त को हिमोफिलिया बीमारी है। तो डॉ. मनोज
लाखोटिया ने बताया कि इस बीमारी का चिकित्सा विज्ञान में कोई इलाज संभव नहीं है।
फिर एक दिन हम हमारे भाणजे श्री अजीत कुडी (एडवोकेट) नागौर के घर गये तब उन्होंने
बताया कि मामाजी आप हेमन्त को पूज्य सद्गुरुदेव श्री रामलालजी सियाग साहब के पास
ले चलो। तो हमने श्री अजीत कुडी के साथ दि. ३१.७.२००३ को गुरुदेव के पास बीकानेर
जाकर दीक्षा ली व हेमन्त को गुरूदेव को बताया तो पुज्य गुरुदेव ने कहा कि हेमन्त
की बीमारी ठीक हो जायेगी, इसको लौंग देते रहो। फिर हमने बीकानेर आश्रम से लौंग लिया व नित्य प्रतिदिन
गुरुदेव के बताये मंत्र को जपा व उनके बताये अनुसार आज्ञा चक्र पर गुरुदेव की फोटो
का, आँख बंद करके
ध्यान लगाना शुरू किया। तो हेमन्त १०-१५ दिन बाद से ही ठीक होना शुरू हो गया। अब
हेमन्त पूर्ण रूप से ठीक हो गया है अब इसके चोट लगने व दाँत गिरने पर सामान्य
बच्चों की तरह ही थोडा सा खून आता है व पूज्य गुरुदेव की कृपा से बन्द हो जाता है।
अतः हिमोफिलिया रोग से पीडत व अन्य कोई रोग जिसका चिकित्सा विज्ञान के पास ईलाज संभव
नहीं है लोगों से यहीं निवेदन है कि पूज्य समर्थ सद्गुरुदेव द्वारा बताये गये नाम
जप व ध्यान योग से शरीर में जो रोग है वो अपने आप ही बिना किसी दवाई के खत्म हो
जाते हैं। यह हमारा अटल विश्वास है।
- घनश्याम
चौधरी
१६, व्यास कॉलोनी, नागौर (राज.)
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